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Sunday, December 29, 2013

Aam Aadami Party

भाई कमाल हो गया आजकल हर जगह आम आदमी की चर्चा है चुनाव पूर्व देश की परिस्थतियां हो या फिर चुनाव के दौरान की गतिविधिया या फिर चुनाव के बाद के परिणाम और फिर उन परिणामों का विश्लेषण हर जगह पर आम आदमी भारी दिख रहा है अब वो फिर आम आदमी यानि जनता जनार्दन हो या फिर आम आदमी पार्टी मतलब साफ़ है जनता जनार्दन जिंदाबाद अब से ठीक एक साल पहले अन्ना के क्रांतिकारी आंदोलन से उनके कुछ साथी अलग हुए थे और उन्होंने राजनीति का रास्ता अपना के अपनी लड़ाई जारी की थी उस वक़्त कुछ लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था कुछ ने उनकी सराहना की थी तो कुछ ने उनके अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए थे लेकिन इन लोगो ने हार नहीं मानी एक कहावत है अगर आप गन्दगी को साफ़ करना चाहते है तो इसके लिए आपको पहले खुद गन्दगी में उतरना पड़ेगा बिना गन्दगी में उतरे हुए आप गन्दगी को साफ़ नहीं कर सकते और जब आप गन्दगी में उतरोगे तो उस गन्दगी में छुपी हुई दुर्गन्ध और बुराइयों से आपका आमना सामना होगा तो अन्ना से अलग राह अपनाते हुए उनकी टीम अलग हो गयी और उन्होंने संवैधानिक रास्ता अपनाते हुए राजनीति ज्वाइन कर ली और ऊपर वाले ने भी उनकी इच्छानुसार गन्दगी को साफ़ करने वाला प्रतीक यानि झाड़ू उनको चुनाव चिन्ह के तौर पर दिलाया जिसने काफी हद तक गन्दगी को साफ़ करने में बड़ा योगदान दिया उन्होंने देल्ही विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ा और बड़े बड़े धुरंधरों को धुल चटाई उसमे देल्ही की राजनीति की मानी हुई खिलाड़ी और देल्ही की सीट पर पिछले 15 साल से काबिज शीला जी की शर्मनाक हार भी प्रमुख है आम आदमी पार्टीने जनता से जुड़े हुए मुद्दों को उठाया उन्ही के ऊपर चुनाव लड़े उन्ही मुद्दों को घोषण पत्र में शामिल भी किया और फिर उन्ही के दम पे 70 में से 28 सीटे जीतकर देल्ही में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी आम आदमी पार्टी अपने चुनावी वादे पूरा कर सकती है या नहीं यह तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा क्युकी भविष्य के गर्त में क्या छुपा है यह कोई नहीं जानता है लेकिन आम आदमी पार्टी के अभी तक का सफ़र काबिले तारीफ है आम आदमी पार्टी ने 28 सीट मिलने के और देल्ही में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बाबजूद सरकार बनाने में कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई यहाँ तक के कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन देने के बाबजूद उन्होंने सरकार बनाने के लिए जनता के बीच में जाने का निर्णय लिया और उन्होंने इस बारे में जनता से पूछने के जो निर्णय लिया वो काबिले तारीफ़ है भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई राजनीतिक पार्टी जनता के इतने करीब आयी है आलोचना करने वाले हमेशा आलोचना ही करते है और करते रहेंगे उनके लिए अगर ऊपर वाला भी नीचे आ जाये तो वो उसकी आलोचना करने से भी नहीं चूकेंगे क्युकी हर किसी की आलोचना करना उनकी पैदायशी और आनुवंशिक बीमारी है तो कुछ लोग आम आदमी पार्टी की आलोचना भी कर रहे है और प्रसंशा भी कर रहे है आम आदमी पार्टी की विरोधी पार्टियां तो उनकी हर कदम पे कमिया ही निकालेंगी जो के उनका काम है भाजपा वाले इस मौके पर बोल रहे है आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का विरोध करके चुनाव जीता और अब उसी कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाकर जनता को धोखा दे रहे है भाजपा वाले जरा इस बात के जबाब देंगे के इस जनता में क्या वो 8-10 लाख लोग सामिल नहीं है जिन्हीने सरकार बनाये या नहीं इस सर्वे में हिस्सा लिया और 70-80 % लोगों ने सरकार बनाने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की क्या वो 8-10 लाख लोग इस देश की जनता नहीं है ??? कांग्रेस वाले आप को समर्थन देने के पीछे तर्क दे रहे है के हम जनता के कंधो पर एक और चुनाव का बोझ डालके उसकी कमर नहीं तोड़ना चाहते यानि जनता की कमर तो पहले से ही गले से ऊपर तक आ चुके भ्रस्ट्राचार और महंगाई ने तोड़ दी है और यह तो हम सभी जानते है के देश की जनता ने देशमें कॉंग्रेस्सियों का कैसा हस्र किया था अगर कोई बुरा आदमी अच्छे आदमियों के बीच में आकर बैठ जाता है तो जनता उसे भी अच्छा ही समझने लगाती है बस यही फर्क है के कांग्रेसी अपने आप आम आदमी पार्टी को समर्थन देकर पाप मुक्त और दूध के धुले हुए सावित करना चाहते है वर्ना इसी कांग्रेस की शीला सरकार कालाबाजारियों और मुनाफाखोरों के सामने प्याज के दाम कम करने के लिए गिड़गिड़ाती थी इस सरकार का अंजाम चाहे जो भी हो आरम्भ तो अच्छा ही है और जनता को हक़ है के हर अच्छी चीज से हम उम्मीद रखे बाकी अपवाद तो हर जगह पर होते है और आप सबतो मुझसे भी ज्यादा समझदार है
मेरा देश महान
जय हिन्द